पीलिया की जड़ तक जाएगा आईपीएच

शिमला। राजधानी में पीलिया के प्रकोप की जांच के लिए आईपीएच ने छह सदस्यीय कमेटी गठित की है। आईपीएच के चीफ इंजीनियर की अगुवाई में गठित किए गए सब ग्रुप में नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। सब ग्रुप 2007, 2010 और 2013 के दौरान फैले पीलिया की चपेट में आए लोगों से संबंधित जानकारी जुटाएगी। एक माह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी।
आईपीएच के इंजीनियर इन चीफ ने हर साल पीलिया के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए सब ग्रुप का गठन किया है। सब ग्रुप स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में दर्ज पीलिया मरीजों की हिस्ट्री को स्टडी किया जाएगा। एक माह की जांच के दौरान सब ग्रुप पीलिया की चपेट में आए लोगों के क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति की जानकारी जुटाएगा। पता लगाया जाएगा कि क्या हर बार एक ही क्षेत्र से पीलिया के मरीज इलाज करवाने पहुंच रहे हैं।
पीलिया प्रभावित इलाकों में पीने का पानी किस पेयजल योजना से आ रहा है। इन क्षेत्रों में आने वाले पानी की सप्लाई की शुद्धता को जांचा जाएगा। पीलिया प्रभावित इलाकाें में सीवरेज कनेक्टिविटी की स्थिति को जांचा जाएगा। पीलिया की चपेट में आए मरीजों का साफ-सफाई के प्रति क्या नजरिया है, इसको लेकर सब ग्रुप जांच करेगा। पड़ताल के अलावा भविष्य में पीलिया न फैले इसके लिए सब ग्रुप सावधानियां बरतने को लेकर सुझाव देगा।
आईपीएच द्वारा गठित सब ग्रुप का चेयरमैन आईपीएच (शिमला जोन) के चीफ इंजीनियर एमएस कंवर को बनाया गया है। अधिशासी अभियंता प्रीत मोहिंद्र सिंह को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। सब ग्रुप में आईपीएच के एसई सुमन विक्रांत, एसई केसी चमन, नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. उमेश कुमार भारती और स्वास्थ्य विभाग के जिला निरीक्षण अधिकारी डा. मनोज को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

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